मक्का

मक्का की कोमल फफूंदी (डाउनी मिल्ड्यू)

Peronosclerospora sorghi

फफूंद

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संक्षेप में

  • पत्तियों पर पीली धारियाँ होती हैं।
  • पौधा छोटा और झाड़ीनुमा दिखता है।

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मक्का

लक्षण

पत्तियों की ऊपरी और निचली सतह दोनों पर सफ़ेद कोमल फफूंदी बन जाती है। गाँठों के बीच का स्थान छोटा रह जाने के कारण पौधे छोटे और झाड़ीनुमा दिखते हैं। गुच्छे के हरे अनखुले नर फूलों के नीचे उपस्थित छोटी पत्तियों पर भी कोमल फफूंदी हो जाती है। फूलों के गुच्छों में छोटी से बड़ी पत्तियाँ दिखती हैं।

Recommendations

जैविक नियंत्रण

प्रतिरोधी और संकर किस्में उगाएं।

रासायनिक नियंत्रण

हमेशा निवारक उपायों के साथ उपलब्ध जैविक उपचारों के मिलेजुल दृष्टिकोण पर विचार करें। बीजों का उपचार मेटालैक्सिल और मैंकोज़ेब युक्त दैहिक कवकनाशकों के साथ करें।

यह किससे हुआ

नुकसान का कारण कवक है, जो पत्तियों की दोनों सतह पर सफेद कोमल फफूंदी के रूप में बढ़ता है। संक्रमण का प्राथमिक स्रोत मिट्टी में मौजूद बीजाणु और मक्का के संक्रमित बीजों के निष्क्रिय माइसीलियम (फफूंद की रेशेदार, शाखानुमा संरचनाएं) हैं। एक बार जब कवक मेज़बान ऊतकों पर बसावट कर लेता है, तो रंध्र से स्पोरैंगियोफ़ोर (बीजाणु युक्त संरचनाएं) निकलते हैं और कोनिडिया (बीजाणु) का उत्पादन करते हैं, जो बारिश के छींटों और हवा से फैलकर आगे संक्रमण करते हैं।


निवारक उपाय

  • स्वच्छ खेती के तरीके अपनाएं।
  • मिट्टी की अच्छी तरह से गहरी जुताई करें।
  • दलहन के साथ फसल चक्र का इस्तेमाल करें।
  • संक्रमित पौधों को हटा दें।

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