धान

धान का हरा फुदका (लीफ़ हॉपर)

Nephotettix spp.

कीट

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संक्षेप में

  • चावल के खेतों में हरा फुदका एक आम कीट है।
  • ये वर्षा तथा सिंचाई से भरे हुए नम वातावरण में विषाणु रोग टुन्ग्रो का प्रसार करते हैं।
  • पत्तियों के शीर्ष का बदरंग होना, शाखाओं की संख्या में कमी तथा छोटे पौधे इसके सामान्य लक्षण हैं।

में भी पाया जा सकता है

1 फसलें

धान

लक्षण

हरा फुदका (लीफ़हॉपर) चावल के खेतों में पाया जाने वाला सबसे आम फुदका है, तथा यह संक्रामक रोग टुन्ग्रो का प्रसार करता है। इस विषाणु के कारण पत्तियों के शीर्ष बदरंग, शाखाओं की संख्या में कमी हो जाती है, घटी हुई शक्ति वाले छोटे पौधे पैदा होते हैं तथा कुछ सबसे बुरे मामलों में यह पौधों को नष्ट कर देता है। टुन्ग्रो से संक्रमित फ़सलों तथा नाइट्रोजन की न्यूनता अथवा लौह विषाक्तता में अंतर के लक्षण बताने के लिए कीट की उपस्थिति को जांचें; काले धब्बे या बिना धब्बों वाले पीले या हल्के हरे रंग के नवजात; काले धब्बों वाले या बिना धब्बों वाले हल्के हरे रंग के वयस्क जो तिरछे चलते हों।

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जैविक नियंत्रण

जैविक नियंत्रण में शामिल हैं: छोटे ततैये (अण्डों पर परजीवी), मिरिड कीट; स्ट्रेपसिप्टेरान्स, पिपुनक्युलिड मक्खियाँ, तथा गोल-कृमि (नवजात तथा वयस्क दोनों पर परजीवी), जलीय वैलिड कीट, नेबिड कीट, एम्पिड मक्खी, डेम्सल मक्खी, ड्रैगन मक्खी, तथा मकड़ी और कवकीय जीवाणु।

रासायनिक नियंत्रण

हमेशा समवेत उपायों का प्रयोग करना चाहिए, जिसमें रोकथाम के उपायों के साथ जैविक उपचार, यदि उपलब्ध हो, का उपयोग किया जाए। इस कीट के विरुद्ध बाज़ार में अनेक प्रकार के कीटनाशक उपलब्ध हैं। आप अपने स्थानीय खुदरा विक्रेता से जानकारी ले सकते हैं कि खेतों में मौजूद परिस्थितियों में कौन-सा मिश्रण सर्वश्रेष्ठ रहेगा। बुप्रोफ़ेज़िन या पायमेट्रोज़िन का एक के बाद एक उपचार उपयोगी होगा। क्लोरपायरिफ़ोस, लाम्ब्डा सायहेलोथ्रिन या अन्य सिंथेटिक पायरेथ्रोइड संयोजन के उपयोग से बचें क्योंकि इनके प्रति कीट ने प्रतिरोध विकसित कर लिया है।

यह किससे हुआ

हरा फुदका वर्षा तथा सिंचाई से भरे हुए नम वातावरण में सामान्य है। ये ऊंचाई पर उगने वाले चावलों में प्रचलित नहीं हैं। नवजात तथा वयस्क दोनों ही पत्तियों के खोल तथा बीच के अंश के बजाय पीछे की पत्तियों के किनारे की पृष्ठीय सतह पर पलते हैं। ये उन चावल के पौधों को पसंद करते हैं जिन पर नाइट्रोजन की अधिक मात्रा वाले उर्वरकों का प्रयोग किया गया हो। यह चिंताजनक कीट नहीं, सिवाय तब जब यह RTV को फैलाता है।


निवारक उपाय

  • कीट प्रतिरोधक तथा टुन्ग्रो प्रतिरोधक प्रजातियों (उदाहरण: सी आर-1009) का उपयोग करें।
  • वर्ष में चावल की फ़सलों की संख्या दो तक सीमित रखें।
  • सम्पूर्ण खेतों में फसलों की समकालिक रोपाई करें।
  • दिए गए रोपाई के समय, विशेषकर शुष्क मौसम में, जल्द रोपाई करें।
  • शुष्क मौसम के दौरान किसी गैर-चावल फसल के साथ फ़सल चक्रीकरण करें।
  • संख्या को दिखाने या कम करने के लिए प्रकाश जान का प्रयोग करें।
  • सलाह के अनुरूप ही नाइट्रोजन का प्रयोग करें।
  • वैकल्पिक धारकों को कम करने के लिए खेतों तथा खेतों के किनारों पर खर-पतवार पर नियंत्रण रखें।

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