मूंगफली

लाल बालों वाली इल्लियां (रेड हैयरी कैटरपिलर)

Amsacta albistriga

कीट

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संक्षेप में

  • इसका लार्वा अत्यधिक मात्रा में कलियों, पत्तियों, टहनियों और पौधों के अन्य हिस्सों को खाता है।
  • असामान्य रूप से पत्तियों का रंग बदल जाता है और वे गिर जाती हैं।
  • पत्तों के झड़ जाने से उपज की गंभीर रूप से हानि होती है।

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मूंगफली

लक्षण

युवा सूंडियाँ बरसात के मौसम में बड़ी संख्या में दिखाई देती हैं और पत्तियों की निचली सतह को खरोंच देती हैं। परिपक्व सूंडियाँ तेज़ी से फूलों, कलियों, और पत्तियों सहित, पौधे के सभी हिस्सों को खाती हैं। केवल मध्यशिरा, शिराओं और डंठलों जैसे सख़्त ऊतक ही बच जाते हैं। बड़ी लाल बालों वाली इल्लियां एक खेत से दूसरे में समूहों में जाते हैं, और अक्सर इसके कारण पूरे इलाके में गंभीर रूप से पतझड़ होता है और उपज में कमी आती है। आम तौर पर, अनछुई भूमि में प्यूपा बनाने के लिए पूर्णतया विकसित लार्वा बिल बनाता है।

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जैविक नियंत्रण

जैव-नियंत्रक विधियों में ट्राकोग्रामा परजीवी ततैयों को छोड़ना शामिल है। ये रेड हैयरी कैटरपिलर के अण्डों और युवा लार्वा पर आश्रय लेता है। शुरुआती चरणों में न्यूक्लियर पॉलीहेड्रोसिस वायरस (NPV) या बेसिलस थुरिन्जिएन्सिस पर आधारित जैव-कीटनाशकों का छिड़काव करने से कीटों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है।

रासायनिक नियंत्रण

लाल बालों वाली इल्लियों (रेड हैयरी कैटरपिलर) की संख्या को नियंत्रित करने के लिए जैविक उपचारों के साथ सुरक्षात्मक उपायों के संयुक्त दृष्टिकोण पर विचार करें। अगर रसायन से उपचार करने की आर्थिक सीमा पार हो चुकी है (प्रति 100 मी. की लंबाई में अण्डों के आठ गुच्छे या 10 प्रतिशत पत्तियों की हानि), तो कीटनाशक के सूखे छिड़काव से शायद युवा लार्वा को नियंत्रित किया जा सके। बड़े हो चुके कीटों को नियंत्रित करने के लिए अन्य कीटनाशकों का उपयोग किया जा सकता है।

यह किससे हुआ

वयस्क पतंगा मानसून की बारिश के तुरंत बाद भूमि से बाहर निकलता है। फलक पर सफ़ेद धारियों और आंतरिक किनारों के साथ-साथ एक पीले रंग की पट्टी के साथ इसके आगे के पंख हल्के भूरे रंग के होते हैं। इसके पीछे के पंख स्पष्ट काले धब्बों के साथ सफ़ेद रंग के होते हैं। मादाएं पत्तियों की निचली सतह पर या भूमि पर उपस्थिति कूड़े-करकट पर झुंडों में 1000 मलाई जैसे पीले रंग के अंडे देती हैं। हल्के-भूरे रंग के युवा लार्वा बिना बाल के होते हैं और तेज़ी से पत्तियों को खाते हैं। परिपक्व लार्वा पार्श्व भाग पर काली पट्टी और शरीर पर लंबे लाल रंग क बालों के साथ लाल-भूरे रंग के होते हैं। वे उच्च रूप से सक्रिय एवं विनाशकारी होते हैं। वे पेड़ों, बाड़ों या छायादार कोनों के नीचे 10 से 20 सें.मी. का गड्ढा खोदते हैं और फिर से वयस्कों की तरह बाहर आने से पहले करीब 10 महिनों तक प्यूपा के रूप में वहाँ रहते हैं।


निवारक उपाय

  • कीटों की संख्या को उच्चतम तक पहुँचने से रोकने के लिए शीघ्र बुआई करें।
  • लार्वा को एक स्थान से दूसरे पर जाने से रोकने के लिए 30 सें.मी. की गहराई और 25 सें.मी. की चौड़ाई का एक गड्ढा खोदें।
  • मूँगफली की प्रति 6 क्यारियों के बीच में अरंडी के तेल का पौधा लगाएं।
  • पतंगे पर निगरानी रखने के लिए या उन्हें बड़ी संख्या में पकड़ने के लिए प्रकाश जालों का उपयोग करें।
  • ज्वार, मोती बाजरे या मकई के साथ फसलों के आवर्तन का पालन किया जाना चाहिए।
  • फसल को मौसम के बीच में लंबे सूखे से बचने के लिए और कटाई से पहले संक्रमण को होने से रोकने के लिए एक बार सिंचाई करें।
  • इनके अन्य मेज़बान पौधों और खरपतवार को खेत में ढूंढें और उनको हटा दें।
  • फसलों और बीच में लगाई जाने वाली फसलों की पत्तियों पर मौजूद अण्डों और तेज़ी से खाने वाले लार्वों की निगरानी करें, उन्हें एकत्रित करें, और नष्ट कर दें।
  • प्यूपा को पर्यावरण एवं परभक्षियों के समक्ष लाने के लिए गहरी जुताई करें।

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