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Herbicides Cell Membrane Disruptors
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लक्षण प्रयोग किए गए तृणनाशक, इस्तेमाल के समय और मात्रा पर निर्भर करते हैं। आम तौर पर पत्तियों पर जलमय धब्बे दिखते हैं जो कि बाद में सूख जाते हैं। जब निकलने से पहले तृणनाशकों का इस्तेमाल किया जाता है, तो ऊतकों का झुलसना या बीजांकुर आविर्भाव विफलता देखी जाती है। निकलने के बाद इस्तेमाल करने पर, एक धब्बेदार स्वरूप में झुलसन पैदा कर सकते हैं। इसे गलती से पैराक्वैट क्षति माना जा सकता है लेकिन इसमें रंग कत्थई नहीं पड़ता है।
क्षति का कारण पीपीओ इन्हीबिटर और डाइफ़िनाइल ईथर परिवार के तृणनाशक, जैसे कि फ़्लुमियोक्साज़िन, फ़ोमेसाफ़ेन, लैक्टोफ़ेन, कारफ़ेंट्राज़ोन, एसिफ़्लोरफ़ेन, होते हैं। ये क्लोरोफ़िल का उत्पादन बाधित करके कोशिका झिल्ली तोड़ देते हैं। धूप और मौसम परिस्थितियों पर निर्भर करते हुए, पत्तियों पर लक्षण 1-3 दिन में दिखने लगते हैं। धूप से लक्षण और मुखर होते हैं और तेज़ धूप वाले गर्म दिनों में और बदतर हो जाते हैं।
इस स्थिति के लिए कोई जैविक उपचार उपलब्ध नहीं है। निवारक उपाय और अच्छे खेतीबाड़ी तौर-तरीके पहले पहल नुकसान कम करने में अहम भूमिका निभाते हैं। संदिग्ध ओवरडोज़ के मामले में पौधों को अच्छी तरह धोएं और खंगालें।
रोकथाम उपायों के साथ-साथ उपलब्ध जैविक उपचारों को लेकर हमेशा एक समेकित कार्यविधि पर विचार करें। तृणनाशक का इस्तेमाल करने से पहले ये सुनिश्चित करें कि आप किस प्रकार के खरपतवार से निपट रहे हैं (मूलतः चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार या विभिन्न घासें)। फिर, सर्वश्रेष्ठ उपलब्ध तरीका चुनें। सावधानीपूर्वक तृणनाशक चुनें और लेबल को ध्यान से पढ़कर मात्रा निर्देशों का पालन करें।