टमाटर

टमाटर की पत्तियों का मुड़ना (लीफ़ कर्ल)

Physiological Disorder

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संक्षेप में

  • पत्तियां विकृत हो जाती हैं और उनका रंग उड़ जाता है।
  • पत्तियां छूते ही टूटने लगती हैं।

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टमाटर

लक्षण

जैसा कि नाम से पता चलता है, लक्षणों को पत्तियों की विकृति से बताया जा सकता है। प्रारंभिक कुंचन निचली पत्तियों पर शुरू होता है। कुंचन पत्ती की लंबाई में अंदर की ओर बढ़ता है और पत्तियां ऊपर की ओर मुड़ती जाती हैं। आम तौर पर, पत्तियां फिर से ठीक हो जाती हैं अगर मौसम परिस्थितियां और खेतीबाड़ी तरीकों का सही समायोजन करके तनाव कम किया जाता है। पत्तियां पीली सी, अल्पविकसित, पीले किनारों वाली या निचली तरफ़ बैंगनी शिराओं के साथ नज़र आती हैं।

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जैविक नियंत्रण

इस दैहिक विकार के विरुद्ध कोई जैविक उपचार ज्ञात नहीं है। इसे केवल निवारक उपायों से ही उपचारित किया जा सकता है।

रासायनिक नियंत्रण

रोकथाम उपायों के साथ-साथ उपलब्ध जैविक उपचारों को लेकर हमेशा एक समेकित कार्यविधि पर विचार करें। इस दैहिक विकार का उपचार केवल निवारक उपायों से ही हो सकता है।

यह किससे हुआ

पत्तियों के मुड़ने का दैहिक विकार पर्यावरणीय दबाव के कारण होता है। अत्यधिक नमी और ज़्यादा नाइट्रोजन पत्ती विकृति के मुख्य कारण हैं। इसके अतिरिक्त गर्मी, शुष्क परिस्थितियां, ज़रूरत से ज़्यादा छंटाई, जड़ क्षति, और रोपाई का तनाव अन्य कारण हैं। पत्तियां मुड़ने के लक्षणों को विषाणु संक्रमण के रूप में भी देखा जा सकता है। उदाहरण के लिए, सफ़ेद मक्खियां एक ऐसे विषाणु (येलो लीफ़ कर्ल वायरस- YLCV) का संचार करती हैं जिसके कारण पत्तियां 'कप' जैसी बन जाती हैं।


निवारक उपाय

  • अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में विशेष किस्में लगाएं।
  • एक समान और पर्याप्त नमी बनाए रखें।
  • उर्वरकों, विशेष कर नाइट्रोजन, का अत्यधिक इस्तेमाल करने से बचें।
  • उचित मात्रा में फ़ॉस्फ़ोरस मिलाएं।
  • ज़्यादा छंटाई न करें और छाया या वाष्पीकरण से ठंडक देकर तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से नीचे बनाए रखें।

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